प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में होली चीर बंधन आज… चीर बंधन कार्यक्रम 9 मार्च रविवार को दोपहर 12:15 बजे से शुरू…….
जागेश्वर। मंदिर प्रांगण में आज सभी स्थानीय लोगों के सहयोग से होली चीर बंधन कार्यक्रम किया जायेगा।होली पर्व और चीर बंधन को लेकर पौराणिक रीति रीवाजों के अनुसार स्थानीय लोगों ने लगभग तैयारियां पूरी कर ली हैं।
फाइल फोटो…
“घर घर में होगी चीर डोले की आरती”
जागेश्वर धाम मे बधने वाली चीर का अपना विशेष महत्व है यह चीर बाबा जागेश्वर जी को समर्पित है एवं बंधन के उपरांत मंदिर परिसर में स्तिथ तुलसी वृंदावन में ही स्थापित की जाती है। जहाँ से प्रति दिन दोपहर में ढोल नगाड़े, शंख -घंट के साथ गाँवों के भ्रमण को ले जाई जाती है तथा प्रत्येक घर में माता का डोला ( चीर ) की आरती और पूजन होता है और माता द्वारा वहा अपना आशीर्वाद दिया जाता है उसके उपरांत उसी विधि विधान से साम को तुलसी वृंदावन में स्थापित कर दी जाती है।
जागेश्वर धाम की यह पौराणिक चीर ढोल, नगारे व अन्य पारम्परिक बाध्य यन्त्रों व मस्कबीन की सुन्दर धुन के मध्य अपने निकट के गाँवों फूलई जागेश्वर, सिरौदा, मंतोला, गोठयुड़ा, बहताण, गैराड तोक, नैकिना व कोतेश्वर गाँव में भ्रमण करती है,इस दौरान होलयार होली की धुन में मस्त रहते हैं।
सभी आचार्योँ की सहमति के बाद निर्णय लिया गया कि इस बार चीर बंधन कार्यक्रम 9 मार्च रविवार को दोपहर 12:15 बजे से शुरू होगी एवं होलिका दहन 14 मार्च को दिन में 12:24 पर जागेश्वर के पौराणिक प्रथाओं के अनुसार करने के साथ ही (छलड़ी )होलिका मिलन का कार्यक्रम सम्पन्न हो सकेगा।