गुरड़ाबांज तहसील समेत पुरा क्षेत्र एक बूंद पानी के लिये तरसा…….
जल संस्थान भी “पानी का चल रहा ट्रायल “, के नाम पर टामा…….
स्थानीय लोग दूर दराज से पीने का पानी लाने को
मजबूर…..
जागेश्वर। जल जीवन मिशन के अंतर्गत लगभग 8 करोड़ 54 लाख रुपए की लागत से बनी गैराड पंपिंग योजना का लाभ अब तक भी नहीं मिल पा रहा है।सिविल वर्क के माध्यम से ट्रायल जारी होने की बात जल संस्थान द्वारा लगातार की जाती रही है लम्बा समय बीत जाने के बावजूद लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है, जिससे लोगों का गुस्सा अब सातवें आसमान में है। स्थानीय लोगों का कहना है गुरड़ाबांज तहसील समेत पुरा क्षेत्र एक बूंद पानी के लिये तरसा…….
जल संस्थान भी “पानी का चल रहा ट्रायल “, के नाम पर टामा…….
स्थानीय लोग दूर दराज से पीने का पानी लाने को
मजबूर…..
गैराड पम्पिग योजना से सभी 11 गावों के लगभग 650परिवारों को मिलना है लाभ……
जागेश्वर। जल जीवन मिशन के अंतर्गत लगभग 8 करोड़ 54 लाख रुपए की लागत से बनी गैराड पंपिंग योजना का लाभ अब तक भी नहीं मिल पा रहा है।
सिविल वर्क के माध्यम से ट्रायल जारी होने की बात जल संस्थान द्वारा लगातार की जाती रही है लम्बा समय बीत जाने के बावजूद लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है, जिससे लोगों का गुस्सा अब सातवें आसमान में है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बार बार अवगत कराने के बावजूद भी वह एक बूंद पानी को तरस रहे हैं।
गुरड़ाबांज तहसील परिसर में भी नहीं है पानी की बूंद……
गुरड़ाबांज तहसील परिसर में भी आने वाले सभी लोगाे को एक बूंद पानी को तरसना पड़ता है, सभी अधिकारी, कर्मचारी आज भी घरों से पानी की बोतल लाने को मजबूर हैं पर जल संस्थान सुनने को तैयार नहीं हैं।
वहीं
इस पम्पिग योजना के माध्यम से गैराड मल्ला, घूरकना,मटकन्या,अंडोली,गुरड़ाबांज,काना,नैकिना, बानीतोला,धनमन, आरतोला,खोला व सहकांडे गांव इस योजना से लाभान्वित होने थे।
तहसीलदार भनोली
बरखा जलाल का कहना है कि सभी लोग पानी की एक बूंद को तरस रहे हैं पानी कभी लाल मटमैला आता है तो कभी हरे रंग की छाही लगा पानी, पर जल संस्थान सुनने को तैयार नहीं।
वहीं जल संस्थान के जेई शुभम बेलवाल का कहना है कि अभी भी पानी का ट्रायल जारी है,
लेकिन वह एक बार फिर से पेयजल लाईन दिखवायेंगे।कि बार बार अवगत कराने के बावजूद भी वह एक बूंद पानी को तरस रहे हैं।
गुरड़ाबांज तहसील परिसर में भी नहीं है पानी की बूंद……गुरड़ाबांज तहसील परिसर में भी आने वाले सभी लोगाे को एक बूंद पानी को तरसना पड़ता है, सभी अधिकारी, कर्मचारी आज भी घरों से पानी की बोतल लाने को मजबूर हैं पर जल संस्थान सुनने को तैयार नहीं हैं।
वहींइस पम्पिग योजना के माध्यम से गैराड मल्ला, घूरकना,मटकन्या,अंडोली,गुरड़ाबांज,काना,नैकिना, बानीतोला,धनमन, आरतोला,खोला व सहकांडे गांव इस योजना से लाभान्वित होने थे।
तहसीलदार भनोली
बरखा जलाल का कहना है कि सभी लोग पानी की एक बूंद को तरस रहे हैं पानी कभी लाल मटमैला आता है तो कभी हरे रंग की छाही लगा पानी,जल संस्थान से वार्ता करेंगे।
वहीं जल संस्थान के जेई शुभम बेलवाल का कहना है कि अभी भी पानी का ट्रायल जारी है,
लेकिन वह एक बार फिर से पेयजल लाईन दिखवायेंगे।